Idiot Syndrome: कहीं आप भी तो नहीं हैं इसके मरीज? जानिए कैसे इडियट सिंड्रोम आपकी मुश्किल बढ़ा सकता है…
आजकल इडियट सिंड्रोम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ये समस्या आपके लिए काफी घातक स्थिति भी पैदा कर सकती है. यहां जानिए क्या होता है इडियट सिंड्रोम और ये आपके लिए किस तरह की परेशानियां बढ़ा सकता है.
बेशक आज के समय में गूगल के जरिए तमाम जानकारी आपको मिनटों में मिल जाती है, लेकिन हर जानकारी पर आंख बंद करके भरोसा ठीक नहीं. खासतौर से बात जब आपकी सेहत से जुड़ी हो. आजकल लोगों ने इंटरनेट को भी डॉक्टर बना लिया है. शरीर में किसी समस्या से जुड़े लक्षणों को वो इंटरनेट पर सर्च करते हैं या अपनी बीमारी का इलाज इंटरनेट पर ढूंढते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो हो सकता है कि आप Idiot Syndrome से ग्रसित हों.
ये एक ऐसी कंडीशन है जिसमें लोग हेल्थ प्रोफेशनल से ज्यादा इंटरनेट पर भरोसा करने लगते हैं. इसीलिए इसे इडियट सिंड्रोम नाम दिया गया है. हालांकि यहां Idiot का मतलब इंटरनेट डिराइव्ड इंफॉर्मेशन ऑब्सट्रक्शन ट्रीटमेंट (Internet Derived Information Obstruction Treatment) से है.आजकल इडियट सिंड्रोम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ये समस्या आपके लिए काफी घातक स्थिति भी पैदा कर सकती है.
Misdiagnose हो सकते हैं मरीज
इडियट सिंड्रोम का शिकार वाले मरीज अक्सर तमाम लक्षणों को इंटरनेट पर सर्च करके ये पता लगाने की कोशिश करते हैं कि कहीं उन्हें कोई बड़ी बीमारी तो नहीं है जैसे कैंसर वगैरह. आजकल बहुत सारे लोग ऐसा करते हैं. वो छोटी-छोटी बातों को गूगल पर सर्च करते हैं. ऐसे लोग इंटरनेट पर खुद की बीमारी का पता लगाते हैं या खुद ही इंटरनेट पर देखकर अपना इलाज शुरू कर देते हैं. उन्हें लगता है कि वो अपनी मदद कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. वास्तव में वो इस तरह से Misdiagnose हो सकते हैं. इसके कारण उन्हें गलत इलाज मिल सकता है और आगे चलकर वो मानसिक रूप से भी अपने लिए परेशानी बढ़ा सकते हैं.
TRENDING NOW
6 शेयर तुरंत खरीद लें और इस शेयर को बेच दें; एक्सपर्ट ने निवेशकों को दी कमाई की स्ट्रैटेजी, नोट कर लें टारगेट और SL
इस कंपनी को मिला 2 लाख टन आलू सप्लाई का ऑर्डर, स्टॉक में लगा अपर सर्किट, 1 साल में 4975% दिया रिटर्न
टिकट बुकिंग से लेकर लाइव ट्रेन स्टेटस चेक करने तक... रेलवे के एक Super App से हो जाएगा आपकी जर्नी का हर काम
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
इतना ही नहीं इडियट सिंड्रोम के चलते ये भी संभव है कि मरीज हेल्थ प्रोफेशनल्स पर अविश्वास करना शुरू कर दे. अगर ये सोच मन में आ गई तो पहले से किसी बीमारी का शिकार हो चुके लोगों के इलाज में बाधा आ सकती है और इसके कारण मरीज की हालत गंभीर हो सकती है.
सेहत से खिलवाड़ ठीक नहीं
इस मामले में डॉ. रमाकान्त शर्मा का का कहना है कि कई बार शरीर में किसी तरह के लक्षण सामान्य सी समस्या के कारण हो सकते हैं और कई बार ये किसी बीमारी के चलते हो सकते हैं. लेकिन इनके बीच का फर्क हेल्थ प्रोफेशनल्स अच्छे से समझ सकते हैं. गूगल आपको नहीं बता सकता. एक डॉक्टर आपके लक्षणों को समझकर जरूरी जांचें करवाकर किसी नतीजे पर पहुंचते हैं और तब आपको बीमारी का इलाज देते हैं. सेहत के मामले में इंटरनेट को डॉक्टर मान लेना आपके लिए कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है. इसलिए किसी तरह की दिक्कत होने पर विशेषज्ञ से परामर्श करें. खुद डॉक्टर बनने के चक्कर में सेहत से खिलवाड़ न करें.
03:01 PM IST